Friday 21 February 2014

Freedom

Freedom...

Its not just a word..because I believe, it means a space which has no boundaries...so its meaning must be something great. Not going by its dictionary meaning and neither speaking about its origination, I would quote what Bertrand Russell had quoted as " Freedom in general may be defined as the absence of obstacles to the realization of desires" ...so true, isn't!

हम जब सोचतें भी है कि क्या है आज़ादी ... तो कितना सुकून सा लगता है... यही है आज़ादी। आप जब मुक्त हो अपनी ज़िन्दगी को अपने तरीके से जीने के लिए, सोचने के लिए, कुछ करने के लिए, एक मुकाम बनाने के लिए...तभी आप आज़ाद हो। कभी गौर से देखिये आसमान में पक्षी कितने खुश रहते है, जहाँ मन करता है वहीँ उड़ते है, बैठते है...लेकिन जैसे ही आप उनको पिंजरे में डालते है उसके तरीके बदल जाते है। इसी से आप समझिये की क्या और कितनी है आज़ादी की अहमियत। ज़िन्दगी का बहुत बड़ा हिस्सा है आज़ादी।

वैसे तो हमारे देश ने सालों पहले आज़ादी हासिल कर ली थी और आज विश्व स्तर पर स्थान बनाने के लिए अभी भी प्रयासरत है। हालाँकि इतने साल आज़ाद होने के बाद भी विकसित देशों में अभी भी शामिल नही हो पाए। भले हमने एक अच्छी पहचान बना ली है लेकिन आज़ाद भारत की नैतिकता दिन-प्रतिदिन गिरती जा रही है। अब आज़ादी का अभिप्राय धूमिल हो गया है। बिना वजह दंगे, प्राकृतिक/सामाजिक/ व्यवस्थाओं का दुरूपयोग और उनको क्षति पहुचाना अब आम हो गया है। अब आज़ादी का मतलब औरतों को बे-आबरू करना और बच्चों के साथ दुष्कर्म करना, धर्म के नाम पर ढोंग कर अपने लोगों को लूटना ही जैसे आज़ादी है।

इस कविता से जानिये बदलते आज़ाद भारत में अब आज़ादी क्या बन गयी है। 

आज़ादी की परिभाषा क्या बताऊँ तुम्हे,
जब कोई भी ग़ुलाम नज़र आया नही।
सुना है सालों पहले देश भी ग़ुलाम था,
मुझे तो आज भी आज़ाद नजर आया नही।
इतिहास में पढ़ा था मैंने ग़ुलामी का पाठ,
पर आज़ादी का पाठ किसीने पढ़ाया नही।
मिलते है रोज़ मुझे जानवर से कई लोग,
अभी तक एक इन्सान नजर आया नही।
मिल तो गयी आज़ादी अपनी मर्ज़ी करने की,
लेकिन अभी इंसानियत निभाना आया नही।
खुद चुनते है कर्णधार फिर कोसते फ़िरते है,
बदलते वक़्त के साथ सोच बदलना आया नही।
मरते है अपने और करते है खुद को बे-आबरू,
क्यूँकी शराफत से जीना कभी आया नही।
करते है दुष्कर्म और निकलते है बेख़ौफ़,
क्यूँकी अभी कानून ख़ुद आज़ाद हो पाया नही।
लड़कर तो बेशक़ मिल गयी है आज़ादी,
बस अपना बनकर रहना अभी आया नही।

खैर....

Going by the above said quote, we can say its one of the basic rights for any living being. But in society, total freedom of any individual infringes on the liberty of other and thus, freedom often comes with boundaries. How much we claim its a form of "live n let live" OR "win/win", it do not go so easily in practical life...! A Freedom is actually very emotive and involves raising of passion and at the same time arguments also.
In India, the freedom is only what has been defined and designed under "Fundamental Rights". Not agree..? Even am not, but then Freedom always has a boundary, something similar like a Wildlife Sanctuary...!

Content by: Abhilekh Dwivedi

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